कोरोना {Chinese Virus} वायरस क्या गर्मी से मर जाता है?

कई जगह इस तरह के दावे किए दावे किए जा रहे हैं कि गर्मी की मदद से कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है. कई दावों में पानी को गर्म करके पीने की सलाह दी जा रही है. यहां तक कि नहाने के लिए गर्म पानी के इस्तेमाल की बात कही जा रही है. बीते कई दिनों से सोशल मीडिया पर इस तरह के दावों की भरमार है. एक पोस्ट जिसे कई देशों में हज़ारों लोगों ने शेयर किया है, उसमें दावा किया गया कि गर्म पानी पीने और सूरज की रोशनी में रहने से इस वायरस को मारा जा सकता है. इस दावे में आइसक्रीम को ना खाने की सलाह भी दी गई.


जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैल जाते हैं. इन्हीं नन्हें कणों के ज़रिए कोरोना वायरस फैलता है. व्यक्ति के छींकने पर एक वक्त पर थूक के 3,000 से अधिक कण यानी ड्रॉपलेट्स शरीर से बाहर आते हैं. संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. कभी कभी ये कण कपड़ों, दरवाज़ों के हैंडल और आपके सामान पर गिर सकते हैं. उस जगह पर किसी का हाथ पड़े और फिर वो व्यक्ति उसी संक्रमित हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह छूता है तो उसे कोरोना वायरस संक्रमण हो सकता है.


थूक के कणों में वायरस 3-4 घंटों तक ज़िंदा रह सकते हैं और हवा में तैर सकते हैं. लेकिन अगर ये कण दरवाज़े का हैंडल, लिफ्ट बटन जैसे धातु जैसी सतहों पर ये 48 घंटों तक एक्टिव रह सकते हैं. कोरोना वायरस अनुकूल परिस्थितियों में एक हफ्ते तक भी एक्टिव रह सकते हैं.



गर्मी का प्रभाव ?


कोरोना वायरस 60 से 70 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक नष्ट नहीं हो सकता. उतना तापमान ना तो भारत में है और ना किसी के शरीर के भातर. कुछ वायरस तापमान बढ़ने के बाद नष्ट होते हैं लेकिन कोरोना वायरस पर बढ़ते तापमान का क्या असर होगा?


फ्लू वायरस गर्मियों के दौरान शरीर के बाहर नहीं रह पाते लेकिन हमें इस बारे में नहीं पता कि कोरोना वायरस पर गर्मी का क्या असर पड़ता है. तो कहा जा सकता है कि गर्मी में कोरोना नष्ट होगा इसका कोई ठोस सबूत नहीं है. तापमान के भरोसे मत बैठिए.


कोरोनावायरस दुनिया भर में 168 देशों में फैल चुका है जिनमें ग्रीनलैंड जैसे ठंडे देश भी है तो दुबई जैसे गर्म शहर भी, मुंबई जैसे ह्यूमिड शहर भी हैं तो दिल्ली जैसे सूखे शहर भी. एक बार अगर यह वायरस इंसान के शरीर में घुस गया तो इसे मारने का तरीक़ा अभी तक नहीं ईजाद नहीं हो पाया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और कई देश इस पर काम कर रहे हैं लेकिन अब तक इसे मारने वाले कोई दवा नहीं बनाई जा सकी है.